उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम लिमिटेड

yogi adityanath

परिचय

उत्तर प्रदेश सरकार ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के संरक्षण, उनकी भर्तियों, वेतन तथा सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने हेतु “उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम लिमिटेड” (UP Outsource Seva Nigam) बनाने का निर्णय लिया है।
यह निगम Companies Act, 2013 की धारा-8 के अंतर्गत गैर-नफा सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी के रूप में स्थापित होगा।

प्रमुख उद्देश्य

  • आउटसोर्सिंग एजेंसियों द्वारा कर्मचारियों को समय से वेतन न देना, EPF/ESI न जमा करना जैसी शिकायतें रोकना।

  • भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी, जवाबदेह व मानकीकृत बनाना।

  • कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा (मातृत्व अवकाश, EPF/ESI, मृत्यु-दुर्घटना में सहायता आदि) सुनिश्चित करना।

  • विभागीय आउटसोर्सिंग को नियंत्रण में लाना तथा नियमित पदों की जगह आउटसोर्सिंग का दुरुपयोग न हो सके यह सुनिश्चित करना।  

मुख्य विशेषताएँ एवं लाभ

  • मानदेय में वृद्धि: आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का मासिक मानदेय ₹16,000-₹20,000 के बीच तय किया गया है।

  • वे­­तन भुगतान समय पर: कर्मचारियों का वेतन प्रत्येक माह 1 से 5 तारीख के भीतर सीधे बैंक खाते में भेजा जाएगा।

  • EPF/ESI सुविधा अनिवार्य: अब एजेंसियों द्वारा EPF/ESI राशि जमा करना व इसके लाभ देना सुनिश्चित होगा।

  • भर्ती प्रक्रिया सुधार: चयन एजेंसियों को अब सीधे नहीं होंगे — निगम के माध्यम से एजेंसियों का चयन GeM पोर्टल से किया जाएगा।

  • आरक्षण और सामाजिक न्याय: SC/ST/OBC/EWS, दिव्यांगजन, महिलाओं आदि को आरक्षण व प्राथमिकता दी जाएगी।

  • अनियमन पर नियंत्रण: आउटसोर्सिंग एजेंसियों द्वारा नियमों का उल्लंघन होने पर निगम द्वारा दंडात्मक कार्रवाई व एजेंसी ब्लैक-लिस्टिंग की व्यवस्था होगी।

प्रक्रिया एवं कार्यप्रणाली

  1. निगम गठन: राज्य कैबिनेट ने इस कंपनी के गठन को स्वीकृति दी है।

  2. विभागों को निगम से आउटसोर्स कर्मियों की मांग करनी होगी और निगम द्वारा एजेंसियों की स्वीकृति प्रक्रिया संचालित होगी।

  3. वर्तमान में आउटसोर्सिंग पर कार्यरत कर्मचारियों को नए नियमों के अधीन लाया जाएगा ताकि उनकी सेवा निरंतर बनी रहे।

महत्व

  • यह कदम उन लाखों आउटसोर्सिंग कर्मियों के लिए है जो अब तक सुविधा-हीन, अस्थिर वेतन तथा सामाजिक सुरक्षा से वंचित थे।

  • कर्मचारी-हित और प्रशासन में पारदर्शिता दोनों को ध्यान में रखते हुए यह नीति मानी जा सकती है।

  • राज्य में आउटसोर्सिंग खर्च व प्रणाली को नियंत्रित करना भी सरकार का लक्ष्य है।

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